New Year Motivation – Numero Uno

 जितना कठिन संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी..!!

     एक्साम्स ने अपनी लय धीमी करनी शुरू कर दी है और अब उसके रिजल्ट का समय अपने उफान पर है । कुछ दिनी में हुए तीन -चार रिजल्ट ने कुछ को खुशियों से सराबोर कर दिया तो कुछ को मायुश । जो सफल हुए है वो अब अपने माथे से बेरोजगारी नामक कलंक हटाने के लिए मेहनत करेंगे ताकि 1 अप्रैल को अपने सफलता का स्वाद ले सके । जो सफल ना हो सके उनके लिए बहुत कठिन समय है क्यूंकि साल भर मेहनत करने के बाद भी अपने को फेल देख कर उन सारी उम्मीदों पर एक पल  में  पानी फिर जाता है जिसके लिए  हमने रात दिन एक कर दिया । बहुत कठिन है वापस  उसी उत्साह से फिर से शुरुआत करना । दर्द होता है जब उम्मीदे टूटती है।दर्द होता है जब रिश्तेदार पूछते है की बेटा कुछ हुआ आप तो कब से तैयारी कर रहे हो।टूट सा जाता है मन जब पापा कहते है नही हो रहा तो कुछ और कर लो। खुशी होती है जब साथ पढन वाला दोस्त आगे बढ गया पर दुख भी होता है खूद के लिए।
      तो क्या हम कोशिश करना छोड़ दे? किसी भी परिशथिति का सबसे आसान काम होता छोड़ कर भाग खड़ा होना और सबसे मुश्किल काम होता डट कर लड़ते रहना जब तक हम सफल नहीं हो जाते । ये वो समय है जब अपने आपको नकारात्मक बातों से दूर रहना है और सकारात्मक सोचना है, क्यूंकि आज अगर आप छोड़ देते हो कारण चाहे जो भी हो और कल जब आप किसी अपने दोस्त से मिलोगे या किसी बैंकर से मिलोगे तो आपके मन बस एक ही ख्याल आएगा की मैंने भी तैयारी की थी बस चंद मुश्किलों से डर कर मैंने अपना रास्ता बदल लिया। काश एक चांस दिया होता तो …। इसी एक्साम्स के लिए हमने ना जाने कितने रातें जग कर गुजारी है, कितने त्यौहार कुर्बान कर दिए , इसी एक्साम्स के लिए घर से दूर रहा तो अब जब मैं काबिल हो चूका हूँ तो बिना अंजाम तक पहुंचाए कैसे छोड़ सकता हु । जो लड़ते है वही गिरते है…
        गिरते है शहे सवार ही मैदान-ए-जंग मे,
        वो तूफ्ल क्या गिरेगे  जो घुटनों के बल चलते है
      हमारे मेंटर अनुभब सर एक बात बोलते है हमें सफल होने के लिए बस एक सीट चाहिए वो जिसपर हमारा नाम लिखा होगा और उसे पाने से कोई नहीं रोक सकेगा । बस हमें अपनी तैयारी को रोज एक नयी उचाई पर पहुंचाते रहना है। इस असफलता ने एक बार और ये साबित कर दिया की ये न हुआ तो कुछ
अच्छा होगा ।
     फेल  होने पर बुरा लगता है, तकलीफ होती है और होना लाजिमी भी है। पर मैं यही कहूंगा बस खुद को टूटने न देना, परिस्त्थितिया जरूर मुश्किल है पर इसको खूद पर हावी न होने दे क्युकी यहीं  हमे निखारती है, हमे हमारे वजूद का एहसास कराती है !! किसी ने क्या खूब कहा है …
  “विपरीत परिस्तिथितियों में जो नहीं टूटते वो रिकॉर्ड तोड़ देते है” …!!!
Numero Uno